Saturday, November 21, 2009

बड़े बेआबरू होकर इस कुचे से हम निकलें......


मुलायम मुलायम हो गए साईकिल का कल्याण होते होते अस्थि पंजर ही ढीले हो गए कभी लोग कहते थे की सपा मुलायम है , फिर बोले सपा अमर है फिर सुना की सपा का कल्याण हो गया, अब राज के चक्कर में किरकिरी के बाद फिर पुराने ढर्रे पर आने की कोशिश शुरू हो रही है, और कमल वाले विनय का अनुनय शुरू हो चूका है की अब हमारा भी कल्याण कर दो अब देखना ये बाकी है की पहले जैसे कमल को कीचड़ से निकाल कर कल्याण करते हैं या फिर सपा का सूपड़ा साफ़ होते ही कल्याण को खुद कल्याण की ज़रूरत पड़ती है,जहाँ तक साईकिल वाली फैक्ट्री के नए कर्ता-धर्ता की बात है तो अखिलेश के डिम्पल गायब हो चुके हैं और उनकी फैक्ट्री को अब इंधन की ज़रूरत है जो अब मिलने की सम्भावना कम ही दिखती है वजह साफ़ है साईकिल फैक्ट्री को इंधन सप्लाई करने वाले जो भी थे उनमे से ज्यादा तर हाथी पर घूम रहे हैं और दो बड़े सप्लायर दिल्ली वाली मैडम जी को इंधन सप्लाई कर रहे हैं जहाँ तक रामपुर वाले की बात है तो उन्होंने सप्लाई की लाइन ही काट रक्खी है और बाकी का काम 'दस जनपथ' वाले युवराज ने कर दिया ऐसा पंजा जमाया की अब उसको हिलाना ही मुश्किल हो रहा है तो सवाल ये उठता है की अब जब साईकिल वाली फैक्ट्री के घर के प्रोडक्ट जनता ने नकार दिए हैं तो अब साईकिल को खरीदेगा कौन ॥?जहाँ तक कमल की बात है तो जब तक ये अटल थे तब तक तो ठीक रहा लेकिन फिर इनके लाल ने सीमा पार से जिन्न को बहार निकाल लिया उससे पीछा छुटा तो उमा ने लपेट लिया उससे छुटकारा मिला तो स्वराज ने चिंता बढ़ा दी उधर शेखावत जी अलग उलझाये हुए थे इन सबसे किसी तरह छुटकारा मिला तो यश का जिन्न बहार आ गया उससे निपटे तो राजे के तेवर गरम हो चुके थे कुल मिला कर राज के तो जैसे नाथ ही रूठ गए हो, अब देखना है की मुलायम की फैक्ट्री कौन सा अजूबा निकाल कर लाती है जिससे की पुराने ग्राहक फिर से वापस आ जाये.....
अवध पीपुल्स फॉरम (अयोध्या ,फैजाबाद)

2 comments:

yuvakoshish said...

Gufran Ji, Accha prayas hai.jari rehna chahiye,hum aur aap bairozgaar sahi lekin dharti per bojh to nahien.

Syed Ali Akhtar
President-Yuva Koshish

गुफरान सिद्दीकी said...

sahi kaha ali bhai shuqriya