Monday, April 12, 2010

राहुल का नया पैंतरा, बसपा की जड़ में मट्ठा,

अभी दिसंबर की बात है जब राहुल अम्बेडकरनगर में एक रैली को संबोधित करने आये थे मैंने तभी लिखा था 'माया के किले में युवराज की सेंध' इसको कांग्रेस का ये नया नाटक काफी हद तक साबित करने के लिए काफी है वो कहते हैं की पेड़ को अगर सुखाना हो तो उसकी जड़ में मट्ठा डाल दो अब लगता है कांग्रेस ने तय कर लिया है की जिन बाबा साहेब के नाम पर बसपा उत्तर प्रदेश में राज कर रही है उन पर से बसपा के एकाधिकार को चुन्वती दी जाय और इसके लिए समय और जगह का चुनाव बिलकुल सटीक किया गया है १४ अप्रैल अम्बेडकर जयंती जगह बसपा का अपराजित दुर्ग (यूँ कहें बसपा की जड़) कहा जाने वाला अम्बेडकर नगर जिला,

और बसपा की जड़ में मट्ठा डालने आ रहे हैं कांग्रेस के भविष्य जिनको देश की मीडिया युवराज बुलाती है अब ऐसा कैसे हो सकता है की अपनी जड़ में किसी को मट्ठा डालता देख माया और उनके लायक नेता,मंत्री,विधायक खामोश रहेंगे. तो साहब यहीं से शुरू हो गयी ज़बानी जंग अब दोनों एक दुसरे को औकात दिखाने पर लगे हुए हैं कांग्रेस के दिग्गज जहाँ इस रैली को सफल बनाने के लिए अम्बेडकरनगर और उसके आस पास के जिलों में डेरा डाले हुए हैं वहीँ बसपाई शासन प्रशासन की हनक का की मदद लेने से भी नहीं हिचक रहे हैं कुल मिला कर दोनों अपनी अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने पर उतारू हैं और इस जंग में सबसे ज्यादा फायदे में अगर कोई है तो राहुल हैं फ्री का प्रचार जो करोड़ों खर्च करके भी नहीं हो सकता अब देखना है की इस शक्ति प्रदर्शन में सब कुछ शांतिपूर्ण निपट जाता है या फिर इसको हवा देकर मुद्दा बनाने की कोशिश की जाती है...

खबर ये भी है की सभी बड़े न्यूज़ चैनल्स अपनी (ओ.बी.) और टीम के साथ इस मसालेदार खबर को जनता के सामने परोसने के लिए तैयार हैं जो एक दिन पहले अम्बेडकरनगर में डेरा डालने पहुँच जायेंगे अब हो भी क्यूँ न भाई कुछ दिन के लिए तो फुर्सत मिल ही जाएगी २-३ दिन तो खेलने के लिए ये नूरा-कुश्ती काफी है और कहीं अनुमान सही निकला तो खबर तीखी भी हो सकती है अब ऐसा मौका कौन चूकना चाहेगा आखिर टी.आर.पी. की जंग भी तो है जब कांग्रेस-बसपा पीछे नहीं तो ये खबरिया चैनल क्यूँ रहें.
थोड़ी सी बात आम आदमी की भी हो जाये जिसकी चिंता न तो बहन जी को है और युवराज तो बेचारे अभी बच्चे हैं वो आटे दाल का भाव जान कर क्या करेंगे वो तो देश भ्रमढ़ पर निकले हैं अभी तो ये जानकारी कर रहे हैं की ये जो गरीब हैं वो अभी भी अनाज खा रहे हैं या घास फूस से गुजारा कर रहे हैं उनकी सबसे बड़ी चिंता ये है की ये अभी तक जीवित कैसे हैं आखिर गरीबी हटाने का नारा जो दिया है देश से इसी लिए गरीबों के घर जा कर देख आत़े हैं की कितने दिन की ज़िन्दगी और बची है इनकी.

( देखना दिलचस्प होगा की १४ तारिख को होने वाली नौटंकी में कौन सबसे ज्यादा मनोरंजन करेगा और पहले स्थान का हकदार बनेगा.
और कौन इस नौटंकी को जनता तक सबसे बेहतर तरीके से दिखायेगा कुल मिला कर आइ.पी.एल. जैसा रोमांच देखने के लिए तैयार रहिये. )

आपका हमवतन भाई ...गुफरान सिद्दीकी ( अवध पीपुल्स फोरम अयोध्या फैजाबाद )

3 comments:

Jandunia said...

राजनीति है कुछ भी जायज

गुफरान सिद्दीकी said...

ji dhanyawad

Madan Mohan Saxena said...

राजनीति है कुछ भी जायज.बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.

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